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Myopia: Causes, Symptoms and Treatment(HINDI ALSO )

जो बड़े या उम्र में छोटे( आबालवृद्ध ) (नेशनल ) हाइवेज़ ,फ्रीवेज़ आदिक के चिन्ह नहीं पढ़ पाते ,सर्विसेज के बारे में लिखी सूचनाएं  नहीं पढ़ पाते ,कक्षा में ब्लेक बोर्ड पर लिखा नहीं पढ़ पाते लेकिन मैगज़ीन आदिक पढ़ लेते हैं ,तब ऐसा माना जा सकता है ये तमाम लोग आँख के एक दोष निकट दृष्टि (Myopia )या शार्ट साइटिड्नेस (Near -Sightedness )से ग्रस्त हैं। यह आँखों का एक आम दोष है जो बालपन में बढ़ती उम्र के साथ कई मर्तबा प्रकट भी होता है और स्वत : ठीक भी हो जाता है कारण होता है उम्र के बढ़ने  के  साथ हमारी आँख जो एक गेंद की तरह हैं उसकी लम्बाई का कुछ ज़रुरत से ज्यादा ही बढ़ जाना। कई मर्तबा हमारी आँख का  बाहरी पारदर्शी आवरण या  पर्त यानि कोर्निआ  का   घुमाव या वक्रता कुछ ज्यादा ही होती है ऐसे में आँख को सभी दूरी की वस्तुएं साफ़ दिखलाई नहीं देती हैं  खासकर एक ख़ास  दूरी से अधिक दूरी की वस्तुएं धुंधली दिखाई देने लगती है वजह होती है उनकी छवि का आँख के कुदरती लेंस द्वारा आँख के परदे या रेटिना (आँख का प्रकाश संवेदी हिस्सा )पर केंद्रित न हो पाना।...

Due to wildfires, California now has the most polluted cities in the world(HINDI ALSO )

अमरीका के सबसे बड़े राज्य केलिफ़ोर्निआ को जिसकी आबादी कनाडा से ज्यादा है बारहा लगती वन -आरण्य की आग (दावानल )ने विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित नगरों वाला राज्य भी बना दिया है। कुदरत जो न करादे सो कम।सारे वैभव सम्पदा और डॉलर के ग्लोबी प्रभुत्व के बावजूद राज्य के विश्वविद्यालय के सभी क्षेत्रों को न तो मानकों पर खरे उतरने वाले गंधाती हवा से बचावी मुखोटे मिल पा रहे हैं न मानक रेस्पीरेटर्स। फिर भी इस अभूतपूर्व आग का मुकाबला राज्य ने पूरी जी -जान लगन साहस और जीवट के साथ तत्परता से किया है।यहां हम कहना यह चाहते हैं कुदरत पर फतह हासिल करने की तमाम कोशिशें आइंदा भी नाकारा सिद्ध होंगी। जलवायु परिवर्तन की बड़ी से बड़ी आहट मिल रही है हम फिर भी अपनी ऊर्जा उपभोगता को कम करने को राजी नहीं हैं।  हवा में तैरते मुख और नासिका के ज़रिये फेफड़ों में दाखिल होने वाले महीनतर ठोसीय प्रदूषक इन दिनों सानफ्रांसिस्को ,साक्रामेंटो (केलिफोर्निया राज्य की राजधानी ),स्टॉकटन आदिक नगरों को दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित जगह बनाये हुए हैं।  हवा में  प...

क्या डायबिटीज़ से बचना मुमकिन है?

इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES Image caption टाइप 1 डाइबिटीज़ बचपन और किशोर उम्र में ही सामने आता है. दुनियाभर में डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी के रूप में उभर रही है जो बेहद तेज़ी से बच्चों से लेकर युवाओं को अपना निशाना बना रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, दुनिया भर में इस समय 42.2 करोड़ लोग डायबिटीज़ यानी मधुमेह से पीड़ित हैं. बीते तीस सालों में मधुमेह पीड़ितों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है. डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को हार्ट अटैक (दिल का दौरा) और हार्ट स्ट्रोक (हृदयाघात) हो सकता है. इसके साथ-साथ डायबिटीज़ से किडनी फेल और पैरों के निष्क्रिय होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन इसके बाद भी आम लोगों में इस बीमारी के लक्षणों, बचाव और कारणों को लेकर जागरुकता नहीं है. आख़िर क्या होती है डायबिटीज़? जब हमारा शरीर खून में मौजूद शुगर की मात्रा को सोखने में असमर्थ हो जाता है इन्सुलिन शक़्कर को जलाकर ईंधन रुपी भोजन सब कोशिकाओं तक नहीं पहुंचा पाती खून में बनी रहने वाली यह अतिरिक्त शक्कर ये बकाया बिजली शक्कर इस  स्थिति डायबिटीज़ को जन्म देती है....

राफेल का पूरा सच खोल डाला मेजर जनरल एस पी सिन्हा ने

Major General Mrinal Suman, AVSM, VSM, PhD, commanded an Engineer Regiment on the Siachen Glacier, the most hostile battlefield in the world. A highly qualified officer (B Tech, MA (Public Administration), MSc (Defence Studies) and a Doctorate in Public Administration) he was also the Task Force Commander at Pokhran and was responsible for designing and sinking shafts for the nuclear tests of May 1998. बे -शक भारतीय प्रतिरक्षा सेवाओं के साथ -साथ भारतीय चुनाव आयोग और माननीय सुप्रीम कोर्ट का भारत को अन्य  राष्ट्रों के बीच एक अग्रणी राष्ट्र बनाये रखने उसकी सम्प्रभुता को अक्षुण रखने में अप्रतिम योगदान रहा आया है।  लेकिन जैसे -जैसे २०१९ नज़दीक आ रहा है उन लोगों की बे -चैनी बढ़ती जा रही है जो वर्तमान राजनीतिक प्रबंध में स्थान नहीं पा सके। इनमें चंद रक्तरँगी तो हैं ही, धंधेबाज़ राजनीतिक विपक्ष के संग -संग सुपर राजनीतिक की भूमिका में माननीय सुप्रीम कोर्ट भी आता दिखलाई दिया है। ऐसा हम नहीं कहते भारत -धर्मी समाज के लोग मुंह खोलकर कहने लगें हैं।  ऐसे ही चंद लोगों से हमने...